-
सिक्स सिग्मा: भारतीय कंपनियों में एक क्रांतिकारी गुणवत्ता नियंत्रण विधि
सिक्स सिग्मा एक व्यापक गुणवत्ता प्रबंधन रणनीति है जिसे विश्वभर की कंपनियां उत्पादन और सेवाओं में दोषों को कम करने के लिए अपनाती हैं। इसकी उत्पत्ति 1980 के दशक में मोटोरोला में हुई थी, और इसे विशेष रूप से प्रक्रियाओं में निरंतर सुधार करने और गुणवत्ता के उच्चतम स्तर को प्राप्त करने के लिए डिज़ाइन…
-
लीन प्रबंधन और उसके तत्व: भारतीय परिदृश्य में लीन प्रबंधन का प्रयोग
लीन प्रबंधन की अवधारणा, जो मूल रूप से जापानी विनिर्माण उद्योगों से उद्भूत हुई है, विश्वव्यापी तौर पर व्यापार जगत में अपनी प्रभावशीलता सिद्ध कर चुकी है। भारत में भी इसका प्रयोग उद्योग जगत में बढ़ते जा रहा है, विशेषकर विनिर्माण और सेवा क्षेत्र में। लीन प्रबंधन का मुख्य उद्देश्य है व्यर्थता को कम करना…
-
गुणवत्ता प्रबंधन में करियर की संभावनाएं और योग्यताएं
गुणवत्ता प्रबंधन एक ऐसा क्षेत्र है जो किसी भी उद्योग या संगठन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। गुणवत्ता प्रबंधन के क्षेत्र में करियर बनाना न केवल व्यक्तिगत विकास के लिए अवसर प्रदान करता है, बल्कि यह उद्योग में नवाचार और निरंतर सुधार की दिशा में भी योगदान देता है। करियर की संभावनाएं: गुणवत्ता प्रबंधन में…
-
विश्व गुणवत्ता सप्ताह 2024: अनुपालन से प्रदर्शन की ओर
नवंबर 2024 का महीना विश्व गुणवत्ता माह के रूप में मनाया जाता है, जहाँ विभिन्न क्षेत्रों के संगठन एकजुट होकर गुणवत्ता प्रबंधन की महत्वपूर्ण भूमिका पर प्रकाश डालते हैं। इस अवधि के दौरान, श्रेष्ठ प्रथाओं को साझा करना, उपलब्धियों को पहचानना और व्यावसायिक संचालन में गुणवत्ता के महत्व के प्रति जागरूकता बढ़ाना प्रमुख होता है।…
-
“जुगाड़” से आगे
भारत में “जुगाड़” शब्द का उपयोग अक्सर उन समाधानों के लिए किया जाता है जो अस्थायी और सस्ते होते हैं, और जिन्हें तत्काल समस्याओं के समाधान के लिए अपनाया जाता है। हालांकि, विकास और समृद्धि की दिशा में आगे बढ़ते हुए, भारत को “जुगाड़” से आगे देखने और स्थायी, गुणवत्ता-प्रेरित समाधानों की ओर बढ़ने की…
-
गुणवत्ता: एक यात्रा, न कि एक मंजिल
अक्सर गुणवत्ता प्रबंधन को किसी अंतिम परिणाम या एक स्थिर अवस्था के रूप में देखा जाता है, जिसे संगठन कुछ विशेष प्रथाओं या प्रणालियों को लागू करके प्राप्त कर लेते हैं। हालांकि, यह समझना ज़रूरी है कि गुणवत्ता एक बार की उपलब्धि नहीं बल्कि एक निरंतर यात्रा है जिसमें लगातार सुधार की आवश्यकता होती है।…