April 1

गुणवत्ता सबकी जिम्मेदारी है

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“गुणवत्ता सबकी जिम्मेदारी है।” – एडवर्ड्स डेमिंग

यह एक साधारण सा वाक्य है, लेकिन इसमें छिपा संदेश किसी भी संगठन की सफलता की कुंजी हो सकता है।

जब हम 'गुणवत्ता' की बात करते हैं, तो अक्सर यह माना जाता है कि यह केवल गुणवत्ता नियंत्रण विभाग या निरीक्षण टीम की ज़िम्मेदारी है। लेकिन डॉ. एडवर्ड्स डेमिंग का यह कथन इस सोच को पूरी तरह बदल देता है।

गुणवत्ता केवल विभाग नहीं, एक संस्कृति है

गुणवत्ता कोई अलग विभाग में सीमित नहीं रह सकती। यह एक सोच है, एक आदत है और एक संगठनात्मक संस्कृति है जिसे हर कर्मचारी को अपनाना चाहिए – चाहे वह प्रबंधन में हो, उत्पादन में हो, सेवा में हो या ग्राहक सहायता में।

हर कदम पर गुणवत्ता

  • डिज़ाइन चरण में गुणवत्ता: यदि उत्पाद की डिज़ाइन में ही त्रुटि है, तो बाद में सुधार करना कठिन और महंगा हो सकता है।

  • निर्माण में गुणवत्ता: उत्पादन के हर चरण में कर्मचारियों की सजगता और प्रक्रिया की शुद्धता से गुणवत्ता सुनिश्चित होती है।

  • सेवा में गुणवत्ता: ग्राहकों से संवाद करते समय उनकी अपेक्षाओं को समझना और उन्हें पूरा करना, गुणवत्ता का ही हिस्सा है।

प्रबंधन की भूमिका

नेतृत्व की भूमिका सबसे अहम होती है। यदि प्रबंधन स्वयं गुणवत्ता को प्राथमिकता नहीं देता, तो बाकी संगठन से यह अपेक्षा नहीं की जा सकती। गुणवत्ता को संगठन के दृष्टिकोण, रणनीति और लक्ष्यों में शामिल करना आवश्यक है।

क्यों है यह दृष्टिकोण जरूरी?

  • ग्राहक की अपेक्षाएं दिन-ब-दिन बढ़ रही हैं।

  • प्रतियोगिता में टिके रहने के लिए निरंतर सुधार जरूरी है।

  • त्रुटियों के कारण होने वाला समय और संसाधन का नुकसान कम किया जा सकता है।

निष्कर्ष

गुणवत्ता केवल कुछ लोगों का काम नहीं है। यह हर व्यक्ति की ज़िम्मेदारी है जो संगठन में कार्य करता है। जब हर कर्मचारी यह समझने लगे कि उसका काम अंतिम उत्पाद या सेवा की गुणवत्ता को प्रभावित करता है, तभी वास्तविक गुणवत्ता सुनिश्चित की जा सकती है।

यही डेमिंग का संदेश है – गुणवत्ता एक सामूहिक प्रयास है।


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